अगर अभी भी न समझे तो मनुष्य का अस्तित्व रह जाएगा हिलकर। अगर अभी भी न समझे तो मनुष्य का अस्तित्व रह जाएगा हिलकर।
सबकी तृष्णा समाप्त करता, आखिर समंदर में मिल जाता है सबकी तृष्णा समाप्त करता, आखिर समंदर में मिल जाता है
बहता एक दरिया है मन के अंदर या है इश्क़ का कोई गहरा समंदर । बहता एक दरिया है मन के अंदर या है इश्क़ का कोई गहरा समंदर ।
सच्चे समंदर का ख़्वाब हूँ, सच्चे समंदर का ख़्वाब हूँ,
वापिस एक दिन आऊँगा और तेरी मांग सजाऊँगा। वापिस एक दिन आऊँगा और तेरी मांग सजाऊँगा।
आंसू क्या ? जाने इस दर्द को वो तो बहता ही रहता है। आंसू क्या ? जाने इस दर्द को वो तो बहता ही रहता है।